संपोषणीयता
एचएएल, एक जिम्मेदार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में, वातंरिक्ष उद्योग में महत्त्वपूर्ण वैश्विक प्रतिस्पर्धी बनने की दूरदृष्टि को साकार करने के प्रति प्रयासरत है तथा इसके साथ-साथ व्यापक रूप से पर्यावरण की सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, कर्मचारी एवं समाज के कल्याण के संबंध में भी इसने ध्यान दिया है । एचएएल विगत वर्षों में विभिन्न पहलुओं के माध्यम से समुदाय वृद्धि एवं विकास के प्रति अग्रसक्रिय होकर प्रोत्साहित करने हेतु समुदाय एवं पर्यावरण दोनों ही क्षेत्रों में अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करता रहा है । पर्यावरण पर एचएएल के प्रचालन प्रभाव को कम करने हेतु पिछले कुछ वर्षों में कई पहलुओं एवं उपायों को प्रारंभ किया गया है ।
जल
1. कंपनी ने अपनी स्थापनाओं में वर्षा जल संग्रहण (आरडब्ल्यूएच) प्रणालियों को संस्थापित किया है । उपयुक्त भवनों को पहचान कर वर्षा जल के संग्रहण एवं संचयन हेतु आरडब्ल्यूएच प्रणालियों को स्थापित जाता है । संग्रहीत वर्षा जल का उपयोग बागवानी एवं गैर पेय जल संबंधी कार्यों में भी इसका उपयोग किया जाता है ।
2. कंपनी रिसाव को रोकने, जागरूकता कार्यक्रमों आदि जैसे प्रभावी उपायों के माध्यम से जल संग्रहण को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करती है ।
3. कंपनी यह सुनिश्चित करती है कि अपने प्रचालनों से पर्यावरण प्रदूषित न हो । मलजल एवं बहिस्राव उपचार संयंत्रों को संस्थापित किया जाता हृं तथा उपचारित जल बागवानी एवं गैर पेय जल संबंधी कार्यों में भी इसका उपयोग किया जाता है ।
4. सीएसआर के अधीन, एचएएल ने गैर सरकारी संगठन के रूप में इंटरनैशनल एसोसियेशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज (आईएएचवी), के सहयोग से जिला-तुमकुर, राज्य – कर्नाटक में कुमुदावती नदी के कायाकल्प संबंधी कार्य को प्रारंभ किया है । उक्त प्रोजेक्ट ने विभिन्न मंचों से पुरस्कार प्राप्त किए हैं ।
ऊर्जा
1. एचएएल के प्रचालनों में ऊर्जा संरक्षण के लिए वर्तमान में प्रयास किए जा रहे हैं । एचएएल ने विगत वर्षों में कई ऊर्जा संरक्षण उपायों को कार्यान्वित किया है, जिसके परिणामतः प्रचालनों की ऊर्जा की तीक्ष्णता में कमी हुई है । इस संबंध में कुछ उदाहरण निम्नवत हैं :
क. फर्नस इंसुलेशन्स को पुनः तैयार किया जाना ।
ख. एयर कंप्रेसर, वेंटिलेशन सिस्टम आदि में वेरियबल फ्रीक्वेंसी के ड्राइव्स (वीएफडी) का संस्थापन
ग. सौर जल ऊष्मकों (सोलर वाटर हीटर) का संस्थापन
घ. एयर कंप्रेसर एवं हीटिंग, वेंटिलेशन एवं एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी)संयंत्र के प्रचालन में सुधार
ङ. रेसिप्रोकेटिंग कंप्रेसर को हटाकर स्क्रियु कंप्रेसर को लगाया जाना
च. पुराने एयर कंडीशनर को हटाकर स्टार रेट प्राप्त एयर कंडीशनर को लगाया जाना
2. वर्ष 2017-2018 तक एचएएल अपने सभी प्रचालनीय स्थापनाओं में परंपरागत टाइप की लाइट फिटिंग को हटाकर एलईडी लाइट फिटिंग को लगाने हेतु प्रतिबद्ध है । वर्तमान में उक्त कार्य प्रगति (मार्च 2018) पर है ।
3. प्रचानों में ऊर्जा दक्षता में सुधार करने के अलावा, एचएएल पारंपरिक संसाधनों से ऊर्जा साधनों की खपत में कमी हेतु निवेश के लिए भी प्रतिबद्ध है । कंपनी ने कॉर्बन फुटप्रिंट को कम करने हेतु 50 मेगावाट क्षमतावाले नवीकरण ऊर्जा पावर संयंत्र के संस्थापन के लिए प्रतिबद्ध है । 10 मेगावाट क्षमता से भी अधिक विंड एवं सौर ऊर्जा संयंत्र का संस्थापन किया गया है तथा लगभग 30 मेगावाट क्षमतावाला संयंत्र संबंधी कार्य प्रगति (मार्च 2018) पर है ।
4. एचएएल एयरपोर्ट, बेंगलूर (2015-16) में 3.5 मेगावाट सोलर पावर प्लांट संस्थापित है । इस विद्युत संयंत्र में सिंगल-एक्सिस ट्रैकिंग मेकानिजम है, जो विद्युत उत्पादन को बढ़ाता है तथा लैंडिंग एयरक्राफ्ट हेतु चमक से बचाता है । इस संयंत्र को डेवलपर मॉडल के अधीन संस्थापित किया गया है तथा एचएएल 25 वर्ष की अवधि हेतु विद्युत खरीद करार (पीपीए) के अधीन नियत मूल्य दर (टेरिफ) पर विद्युत की खरीद करता है ।
5. हरपनहल्ली, दावनगेरे जिला, कर्नाटक में स्थित 6.3 मेगावाट विंड पावर संयंत्र को दिनांक 31 मार्च 2016 को प्रारंभ किया गया । यह संयंत्र लगभग 150 लाख यूनिट प्रति वर्ष विद्युत का उत्पादन करता है ।
6. कंपनी के विभिन्न प्रभागों के छत पर सोलर पावर प्लांट को भी संस्थापित किया गया है ।
अपशिष्ट
1. नगर निगम ठोस अपशिष्ट (एमएसडी) प्रबंधन कार्यकलाप के भाग के रूप में, वर्ष 2012-13 के दौरान सीनियर ऑफिसर क्वार्टर, बेंगलूर में ऑर्गेनिक अपशिष्ट कन्वर्टर (ओडब्ल्यूसी) की दो यूनिटों को संस्थापित किया गया । उक्त ओडब्ल्यूसी रसोई घर एवं अन्य ऑर्गेनिक अपशिष्ट को बागवानी के खाद के रूप में परिवर्तित करता है । टाउनशिप में शून्य अपशिष्ट निपटान को प्राप्त करने की दिशा में यह एक शुरुआत है ।
2. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में दूसरे पहल के रूप में, एचएएल बेंगलूर में केंद्रीय परीक्षण हाउस (सीटीएच) में एक 500 कि.ग्रा/प्रतिदिन एवं एक 1000 कि.ग्रा/प्रतिदिन क्षमतावाले बॉयोगैस संयंत्रों की दो यूनिटों को संस्थापित किया गया । इस संयंत्र में कैंटीन से प्राप्त अपशिष्ट का उपचार किया जाता है । उत्पन्न बॉयोगैस का उपयोग रसोई के लिए किया जाता है ।
3. एचएएल के सभी स्थापनाओं में प्रभावी रूप से अपशिष्ट के प्रबंधन हेतु स्रोत स्तर पर ही पृथक्करण को कार्यान्वित किया गया है ।
4. एचएएल फाइल, फोल्डर एवं लेखन-सामग्री मदों को तैयार करने हेतु कार्यालयों से प्राप्त रद्दी कागज को संसाधित कर बेंगलूर में पेपर रि-साइक्लिंग यूनिट का भी प्रचालन करता है । यह संयंत्र 75 कि.ग्रा/प्रतिदिन रद्दी कागज को प्रासेस करने की क्षमता रखता है । पेड़ों के संरक्षण हेतु एचएएल द्वारा प्रारंभ की गई एक पहल है ।
5. कंपनी अपशिष्ट प्रबंधन एवं स्वच्छ भारत के संबंध में सामुदायिक जागरूकता को भी प्रोन्नत करती है । समुदाय से संबंधित कुछेक कार्याकलापों के अंतर्गत स्कूलों में ड्राइंग एवं निबंध लेखन प्रतियोगिताओं, स्किट्स, मिनी-मारथॉन आदि का संचालन किया जा रहा है ।
6. कंपनी ने अपशिष्टों को कम करने, उनका पुनः उपयोग करने एवं उनके रि-साइकिल के संबंध में संगठन स्तर पर किए गए प्रयासों के लिए राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद से प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया है ।