स्वदेशीकरण के उद्देश्य
आत्मनिर्भरता के उच्च स्तर को प्रगतिशील रूप से प्राप्त करने के लिए विनिर्माण हेतु आवश्यक पुरज़ों, उपसाधनों तथा तत्संबधी प्रणाली का स्वदेशीकरण करने हेतु ठोस प्रयास करने के लिए एवं उसके साथ ही विमान, इंजनों तथा उपस्करों की मरम्मत तथा ओवरहॉल करने के लिए एच ए एल ने नीति बनाई है । स्वदेशीकरण के साथ मेक इन इंडिया के प्राथमिक उद्देश्य को प्राप्त करना एवं विशेषरूप से महत्वपूर्ण वस्तुओं के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने की परंपरा को कम करना यह एच ए एल के महत्त्वपूर्ण उद्धेश्य है ।
एच ए एल में स्वदेशीकरण हेतु स्वदेशीकरण के उद्देश्य तथा मदों की श्रेणियाँ निम्नलिखित रूप से हैं;
- जो मद पुराने हो गए हैं, अथवा जिनकी आपूर्ति में विलंब होता है / ओईएम द्वारा जिनकी आपूर्ति नहीं होती है और जिनकी वजह से उत्पादन में रुकावट निर्माण होती है ।
- जो मद पुराने होने जा रहे हैं ।
- उच्च मूल्य के मद जिनकी वजह से अधिक विदेश विनिमय व्यय हो रहा है ।
- जिन मदों का प्रापण अधिक मात्रा में होता है और समग्र रूप से अधिक विदेश विनिमय व्यय हो रहा है ।
- वे सभी मद विशेषरूप से वर्ग “सी” के जहाँ पर तकनीकी विवरण /आरेखण उपलब्ध है ।
- वर्ग “सी” के मद जहाँ पर तकनीकी विवरण उपलब्ध नहीं है, परंतु उनका आसानी से स्वदेशीकरण किया जा सकता है ।
- जो मद स्वामित्व की प्रकृति के हैं और जिनकी वजह से उत्पादन रुका हुआ है ।
मुख्यालय स्तरीय नोडल कार्यालय :
महाप्रबंधक (स्वदेशीकरण)
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड
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बेंगलूर - 560001
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