एयरक्राफ्ट अनुसंधान व अभिकल्प केंद्र (एआरडीसी) की शुरुआत 1948-49 में हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के अभियांत्रिकी विभाग के रूप में हुई जो आज पूर्ण रूप से विकसित अनुसंधान व विकास केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है। एआरडीसी द्वारा एचटी-2, पुष्पक जैसे बेसिक पिस्टन ट्रेनर से लेकर मारुत, एलसीए जैसे लड़ाकू विमानों का अभिकल्पन किया गया है।
एआरडीसी में विमान अभिकल्प एवं विकास के सभी क्षेत्रों से संबंधित संपूर्ण विशेषज्ञता है जिसे सतत् प्रयत्न, अनुसंधान व विकास द्वारा हासिल किया गया है। हमारी क्षमताओं के पीछे सात दशकों का कार्य अनुभव जुड़ा है। एआरडीसी में अत्यंत उत्कृष्ट परीक्षण सुविधाएं तथा एयरक्राप्ट आदिप्ररूप (प्रोटोटाइप) व टेस्ट आर्टिकल विनिर्माण के लिए पूर्णत: सक्षम अवसंरचना एवं उड़ान विकास कार्यक्रमों को सहयोग देने वाले सिमुलेशन व एनालिसिस टूल्स मौजूद हैं।
इस केंद्र को सेमिलाक, डीजीसीए, डीजीएक्यूए से प्रमाणन प्राप्त है तथा इसे विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अनु. व विकास केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके क्यूएमएस को ए एस 9100 सी, डीजीसीए द्वारा एएफक्यूएमएस से प्रत्याययन प्राप्त है। इसकी प्रयोगशालाओं को एनएबीएल प्रत्यायन प्राप्त है।
एआरडीसी का कार्यक्षेत्र:
- बेसिक और प्रौन्नत प्रशिक्षक तथा लड़ाकू विमान का अभिकल्पन व विकास, एकीकरण, परीक्षण व प्रमाणन
- एयरक्राफ्ट स्ट्रक्चर व प्रणाली का ग्राउंड परीक्षण
- विंड टनेल वैलिडेशन
- उड़ान मूल्यांकन